नई राजनीति का काला चेहरा हैंअरविंद केजरीवाल
शुंगलू आयोग की जाँच रिपोर्ट के बाद सामने आये दिल्ली सरकार के नीत नए घोटालो ने उपरोक्त कहावत चरितार्थ कर दी है.जिस दिल्ली की जनता ने कांग्रेस के शासन से परेशान हो कर एक नयी तरह की राजनीति का वादा करने वाले अरविन्द केजरीवाल को महाप्रचंड बहुमत से जिताया, उन्होंने दिल्ली की जनता की आशाओ पर भारी तुषारापात कर दिया है.जो जो वादे उन्होंने दिल्ली की जनता से किये,सारे काम उसके विपरीत किये है.अब हालात ये है कि दिल्ली सरकार के तीन मंत्री ,मुख्या सचिव और कई विधायक भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे है.भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा पूर्णतया खोखला रह गया है.ये देश के पहले मुख्यमंत्री है जिनके पास कोई भी विभाग नहीं है.जिसका मतलब है की ये बिना काम के मुख्यमंत्री पद का पूरा लुफ्त और फायदा उठा रहे है.सारी फाइल्स उपमुख्यमंत्री के साइन से ही आगे जा रही है.
स्वराज, लोकपाल ,फ्री wifi ,महिला सुरक्षा,नो VVIP कल्चर,मोहल्ला सभा ये वादे जो अब सायद कभी पुरे नहीं होंगे.बिजली और पानी का बिल जरूर आधा किये गया है लेकिन उसके बदले दिल्ली की जनता से केजरीवाल के बैंगलोर इलाज का बिल,दिल्ली सरकार के मंत्रीयो के विदेश दौरे के खर्चे का बिल (इसमें सेक्स टेप कांड के आरोपी संदीप कुमार के बच्चे की डिलीवरी अमेरिका करवाई गयी है भी शामिल है),केजरीवाल के वकील का बिल और उनके मंत्रियो के चाय समोसे का बिल भी,भरवा दिया है.केजरीवाल ने अपने पद का दुरुप्रयोग करते हुवे अपनी सरकार के १ साल पुरे होने पर १६००० प्रति प्लेट के हिसाब से ५ स्टार होटल ताज से अपने समर्थको के लिए खाने की थाली भी मंगवाई है.और आम आदमी के कुछ समर्थक इस पर भी खुश है की उनके कुछ सौ रूपये बिजली पानी में बच गए.
इतना होने के बाद भी केजरीवाल की महाभ्रष्ट सरकार ने अपने सारे विधायकों की सैलरी ४ गुना बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया है जिससे केजरीवाल की सैलरी भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी ज्यादा हो जायेगी.अपनी सरकार के दुष्प्रचार के लिए इस महाभ्रष्ट सरकार ने ५६० करोड़ का फण्ड जारी किया,जिसमे से आप आदमी पार्टी से ९७ करोड़ रूपये की वसूली का आदेश माननीय उपराज्यपाल जी ने दिल्ली सरकार को दिया है.
एक वादा और था सरकारी नौकरियों में और ठेको में भाई भतीजा वाद को रोकने का और उसका हाल ये है की अरविन्द जी के साले को दिल्ली के स्कूलों में मिड डे मील सप्लाई का ठेका दिया गया जिसमे मरा हुवा चूहा बरामद हुवा.नियमो को ताक पर रख कर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रिश्तेदार को क्लास-१ का अधिकारी बना दिया गया.दिल्ली सरकार ने दिल्ली डायलॉग कमिशन के नाम से एक संस्था बना कर उसमे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भर दिए गए बाकी जो बचे उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पर्सनल स्टाफ में जगह दे दी गयी.अब यहाँ ये बताना जरुरी है की मनीष सिसोदिया के पर्सनल स्टाफ की संख्या प्रधानमंत्री जी के स्टाफ की संख्या से बहुत ज्यादा है.
लेकिन धन्य है दिल्ली की जनता जिसने ये जहर पिया और देश को इस महाभ्रष्ट पार्टी और उसके नैतिकता विहीन नेताओ से बचाया.हर दिन केजरीवाल और इनकी पार्टी के कारनामे सुन कर यही लगता है कि बस ये अंतिम स्तर है राजनीति का लेकिन अगले ही दिन केजरीवाल और इसकी पार्टी उससे भी निम्नतर स्तर पर पहुंच जाती है.बस अब इनको पूर्णतया जवाब दिल्ली कि जनता ही दे सकती है.लोकतंत्र कि यही खूबशूरती है कि ५ साल के लिए जनता आप को राजा बनाती है और जब आप जनता कि उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते तो अगले ही चुनावों में जनता आप को सबक भी सीखा देती है. कांग्रेस सपा बसपा और खुद आप पार्टी इसका उदाहरण है.
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